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Tuesday 1 June 2010

दो जून की रोटी खाके दो जून का नमस्कार !! ;-)

Archana Singh 2paltak - 19:50
सुप्रभातम् श्रीमान !
अरे आज तो दो जून है !!
अरे नहीं समझे !
दो जून एकमात्र ऐसा दिन है जो वर्ष में एक बार ही आता है और यह 'दो समय' के पर्याय के रूप में भी प्रयुक्त होता है.
चलिये तो अब दो जून की सुबह हो चुकी है और हम जाग चुके हैं और सक्रिय भी हैं !!
अब नौ बजे तक का समय ही हमारे पास है यानि कि चालीस मिनट !
इस चालीस मिनट में बज़ करना है.
फिर चार बजे ही मिलेंगे, ठीक !!

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