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Monday 14 June 2010

पुनरागमन हुआ.

Archana Singh 2paltak - 03:23
बहुत अच्छी नींद ली है और अब सक्रिय हो चुके हैं. दोपहर की नींद अब व्यक्तित्व का अंग बन चुकी है.
दरअसल हमारी दिनचर्या में दोपहर को ३:४५ से ४:०० बजे का समय दोपहर के नाश्ते का रहता है, अतः उठना ही था.
अब यहाँ हैं. :-)
तो छ:बजे तक मेल और बज़ निपटाते हैं.

Sunday 13 June 2010

लीजिए पुनः उपस्थित हूँ.

Archana Singh 2paltak - 18:46
आज तो सात:बीस बजे उपस्थित हूँ और साढ़े आठ बजे तक बज़ और मेल्स पढ़ने हैं ताकि चार बजे जब लौटूं तो फिर ब्लॉग-लेखन कर पाऊं.

हटो यार ! बिजली आजकल बहुत कट रही है. :-(

Archana Singh 2paltak - 09:59
यही बात अच्छी नहीं लगती है. बार-बार बिजली कट रही है और हमारे कार्य में व्यवधान पड़ रहा है !!
अब रात्रि-भोज करके सोने जा रहे हैं.
आशा करते हैं कि कल प्रातः मिल पायें.
चलिये शुभरात्रि.

नींद धाँसू थी.

Archana Singh 2paltak - 05:01
अपने तकिये और बिस्तर पर जो नींद आती है, राम-शपथ वह कहीं और नहीं आती है. ;-)
कुल सवा तीन घण्टे की नींद लेकर अभी साढ़े पाँच बजे पधारे हैं.
अब साढ़े सात बजे तक ई-मेल और बज़ खूब दबाके करना है ताकि उसके बाद छुट्टी मिल जाए और हम कुछ अन्य कार्य भी कर पायें.
तो साढ़े सात बजे मिलते हैं.

कुछ जरूरी मेल्स निपटाने हैं जी.

Archana Singh 2paltak - 01:18
गये और मेल पढ़ के आये. बस तीन बजेगा. ;-)
मेरे प्यारे मित्रों प्रतीक्षा करिये बस यूँ गया और यूँ आया.

Saturday 12 June 2010

अब ज़रा कुछ घरेलू कार्य.

Archana Singh 2paltak - 22:14
अरे यार रविवार है !!
ज़रा नहा-धो लें, दाढ़ी बना लें. एकाध कपड़ा-वपड़ा धो लें. फिर ऐसा करते हैं सीधे भोजन करके साढ़े बारह बजे आते हैं. ;-)

प्रातःकालीन नमस्कार ./\.

Archana Singh 2paltak - 22:11
लो जी आज तो सवा आठ बजे (८:१५)ब्लॉग-जगत में आये हैं. १०:०० बजे तक कुछ ब्लॉग पढके आते हैं.

अच्छा मित्रों अब चलते हैं !!

Archana Singh 2paltak - 09:28
मित्रों अब दिनचर्या समाप्त करने का समय आ गया है. अब चलकर रात्रि-भोज करना है और कुछ घरेलू कार्य करने हैं ताकि कल पुनः आप लोगों से जुड सकूं.
कल तक के लिए
'शुभरात्रम्'

आज "आपका राजीव" पर कुछ लिखने जा रहा हूँ.

Archana Singh 2paltak - 08:14
कई सप्ताह हो चुके हैं. कोई आलेख नहीं लिखा है...
पर आज अभी अवसर और समय प्राप्त हुआ है तो फिर एक आलेख "आपका राजीव" पर लिख ही आते हैं. आज दस बजे तक यही करते हैं फिर दस बजे बताते हैं.

अंततः लक्ष्मी जी प्रसन्न हुईं !!

Archana Singh 2paltak - 06:56
अरे बन्धु बिजली आ ही गयी और हम ऑनलाइन आ गये हैं. अब देखो धमाल होगा.
पर पहले आठ बजे तक बज और ई-मेल सब निपटा दें फिर...
तो आठ बजे मिलते हैं.

अरे बिजली नहीं आ रही है.

Archana Singh 2paltak - 04:16
हमारी कॉलोनी की बिजली चली गई है ट्रांसफार्मर जल गया है, शाम सात बजे तक ही आ पाएगी तभी हम उपस्थित हो पायेंगे.
अभी ये आलेख तो हम दूसरे एक मित्र के घर से कर रहे हैं.
तो फिर शाम सात बजे.......

Friday 11 June 2010

जागो-जागो जागो सुबह हो गयी.

Archana Singh 2paltak - 17:34
सुप्रभातम्
प्रातःकाल हो चुका है हम एक घण्टे यानि साढ़े छः बजे तक बज़ करके आते हैं.

दिनचर्या समाप्त !! ;-(

Archana Singh 2paltak - 07:57
अभी कुछ घरेलू कार्य आ गये हैं......
दुखी मन से जाना पड़ रहा है ;-(
पर आवश्यक भी है ताकि प्रातः पुनः आपके सम्मुख उपस्थित हो सकूँ. अतः अभी चलता हूँ फिर कल मिलते हैं.
शुभरात्रम्, शुभस्वप्नम्.
:-)

Thursday 10 June 2010

अब थक गये यार !!

Archana Singh 2paltak - 19:43
हाँ बज़ करते-करते थक गये हैं और अब जा रहे हैं.
अब सायं चार बजे ही सक्रिय होंगे.
तब तक के लिए....
शुभ दिनम्.

बज़ है कि.....मानता नहीं. :-)

Archana Singh 2paltak - 17:55
यार आप कितना भी बज़ लो पर मन है कि मानता नहीं. ;-०)
अभी आठ बजे तक यही करूँगा और हाँ तब तक सारी ई-मेल्स भी चेक कर लूँगा.

हम इतनी सुबह ऑनलाइन !!!

Archana Singh 2paltak - 16:56
आज प्रथम बार ऐसा हो रहा है कि हम इतनी सुबह ऑनलाइन आये हैं. :-)
आज बहुत कुछ करने का संकल्प लेकर आये हैं.
अब छः बजे तक बज करके आते हैं.

Wednesday 9 June 2010

अब अगले एक घण्टे तो ऑनलाइन हूँ ही.

Archana Singh 2paltak - 03:51
अब अगले एक घण्टे तो ऑनलाइन हूँ ही, आगे का भगवान जाने.
और इस बीच भी लक्ष्मीजी (बिजलीजी)की कृपा रही तो ही विद्यमान रह पायेंगे.
ही ही ही.
साढ़े चार से साढ़े पाँच तक.
और अब आज से कम से कम इतना समय तो इन्टरनेट को देंगे ही.
तो बोलो धन्यवाद.
;-)

Tuesday 8 June 2010

हिन्दी में लिखने का आनन्द !!

Archana Singh 2paltak - 10:29
सही बात है कि हिन्दी में लिखने में जो सुख है, वह आंग्ल-भाषा में कहाँ !!
अब इस ब्लॉग पर हिन्दी में ही लिखा जाएगा.

Friday 4 June 2010

Wednesday 2 June 2010

Now I am back again !!

Archana Singh 2paltak - 09:53
Yes, it was a power-cut...
Now I am back and at work. :-)
Few days, I want to write this blog in English language.
This is the first in English.
This time there is 10:29 P.M. in my watch, after few minutes, I will hear a voice 'KHANA THANDA HO RAHA HAI !!'
I think I have to close my today's activity !!
So !!
Good-bye,
I will see all of you tomorrow in the morning.
Good night and sweet dreams.

Tuesday 1 June 2010

दो जून की रोटी खाके दो जून का नमस्कार !! ;-)

Archana Singh 2paltak - 19:50
सुप्रभातम् श्रीमान !
अरे आज तो दो जून है !!
अरे नहीं समझे !
दो जून एकमात्र ऐसा दिन है जो वर्ष में एक बार ही आता है और यह 'दो समय' के पर्याय के रूप में भी प्रयुक्त होता है.
चलिये तो अब दो जून की सुबह हो चुकी है और हम जाग चुके हैं और सक्रिय भी हैं !!
अब नौ बजे तक का समय ही हमारे पास है यानि कि चालीस मिनट !
इस चालीस मिनट में बज़ करना है.
फिर चार बजे ही मिलेंगे, ठीक !!

लीजिए अब एक अतिथि आ रहे हैं !!

Archana Singh 2paltak - 08:09
अब एक अतिथि आ रहे हैं और उनको रिसीव करने जाना है.
मतलब कि आज की दिनचर्या का हमेँ यहीं पर समापन करना ही होगा.
चलिए कोई बात नहीं, कल मिलते हैं.
पर एक प्रश्न मन में उठा है !!
रिसीव की हिन्दी क्या होती है !!!!

अब कुछ चिट्ठे भी पढ़ लिए जायें !!

Archana Singh 2paltak - 07:00
हाँ मित्रों अब कुछ चिट्ठे भी पढ़ने जा रहे हैं. अब सात बजे तक चिट्ठे पढके लौटते हैं.
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