उसने खोलकर देखा और वहां कोई नहीं था. उसने इधर उधर देखा और आखिरकार पाया कि एक छोटा सा घोंघा दरवाज़े पर बैठा था.
उसने उसे उठाया और सड़क के पार दूर फेंक दिया.
एक साल बाद उसने अपने दरवाजे पर एक दस्तक सुनी. उसने खोलकर देखा और वहां कोई नहीं था. उसने इधर उधर देखा और आखिरकार पाया कि एक छोटा सा घोंघा दरवाज़े पर बैठा था.
मरीज : डॉक्टर साहब, मुझे बहुत ही गंभीर बीमारी है, मैं बिल्कुल कुछ भी याद नहीं रख पाता, यहाँ तक कि जो अभी-अभी कहा है वह भी याद नहीं रख पाता. क्या करुँ ? डॉक्टर : आप को अपनी इस समस्या के बारे में सबसे पहले कब पता चला ? मरीज़ : कौन सी समस्या ?
ग्राहक : मैं अपनी पत्नी की सालगिरह पर कोई उपहार देना चाहता हूं. दुकानदार : आपकी शादी को कितने साल हो गए हैं ? ग्राहक : 15 साल. दुकानदार : सामने वाली दुकान पर चले जाइए, आधी कीमत पर सामान वहीं मिलता है.
एक बहानेबाज कर्मचारी का दादा उस के ऑफिस में जा कर उस के बॉस से बोला : " इस ऑफिस मे सुनील नाम का व्यक्ति कार्य करता है, मुझे उस से मिलना है, वह मेरा पोता है।"
बॉस ने मुस्करा कर कहा : " मुझे अफ़सोस है, आप देर से आए है, वह आप के अर्थी को कंधा देने के लिए छुट्टी लेकर जा चुका है।"
एक बार एक औरत जो कि गर्भवती थी, डॉक्टर के पास गई और सारे चेक-अप कराये और फ़िर भी चिंतित बनी रही.
उसने डॉक्टर से पूछा : डॉक्टर साहब, अब तो ९ महीने होने ही वाले हैं, मुझे क्या करना चाहिए, यदि बच्चा पैदा होने ही वाला हो तो मैं कैसे आ पाऊंगी !
डॉक्टर : यह भी भला चिंतित होने वाली बात है, पूरे विश्व में वर्षों से औरतें बिना डॉक्टर के ही तो बच्चा पैदा करती आई हैं. यह तो बिल्कुल ही प्राकृतिक तरीका है. तुम सबसे पहले वैसे ही लेट जाना जैसे लेटकर तुम गर्भवती हुई थी....
औरत : कैसे डॉक्टर साहब ! एक पैर मेज़ पर और दूसरा हवा में खिड़की पर !
जवाब : संता सिंह को बस एक आलपिन से ही डराया जा सकता है. आप उसकी तरफ़ फेंक दीजिये, वह भाग खडा होगा क्योंकि वह यही समझेगा कि हैण्ड ग्रेनेड की पिन फेंक चुका है और अब बम आने ही वाला है.